जय गुरु देव

हमारे गुरु जी परम संत बाबा जयगुरुदेव जी ने देश की भ्रेस्ट ववस्ता को ठीक करने के लिया एक संगठन बनया जिसका नाम भूमि जोतक खेतिहर संगठन है

हमारा दृष्टिकोण

हमे किसी का झंडा नहीं उठान ना ही ज़िंदाबाद मुरदाबाद का नारा लगना है ये अपना संगठन है 80% कस्तकार जो देश दुनिया को भोजन करते है और हम सब को एक होने की जरूरत है

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हमारी पहल

नए लोगों के लिए बाबा जयगुरुदेव जी के महत्वपूर्ण वचन

"नए लोगों के लिए बाबा जयगुरुदेव जी के महत्वपूर्ण वचन" के तहत, बाबा जयगुरुदेव जी के उपदेश नए आदर्शों और मार्गदर्शन के रूप में दिखाई देते हैं। उनके शिक्षाओं में समाज के हर वर्ग के लिए संबल, समर्थता और सामर्थ्य का सन्देश है। उनके वचन सीखने के लिए नवीनतम दिशाओं में राहत और प्रेरणा है, जो नए आगे बढ़ने वाले पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी गुणवत्ता और शांति की भावना नए सोच और सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करती है, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आता है।

जीव हिन्सा मत करो, शाकाहारी हो जाओ

सब लोग शाकाहारी हो जाओ। तुम्हारे दादे परदादे शाकाहारी थे। हमें याद है की पहले जब किसी गन्दी वस्तु का कोई नाम लेता था तो सुनने वाले दस बार थूकते थे की ये क्या नाम ले लिया। हमें यह भी याद है की कभी जब पास से मुर्गी गुजर जाती थी तो माताएं बच्चों को नहलाती थी। यह तो तीस पैतीस सालों में आप ने खान-पान बिगाड़ दिया।

दूसरों पर विश्वास करके आपने शरीर को रोगी बना दिया, अशुद्ध आहार अपना लिया, खान-पान आचार-विचार सब ख़राब कर दिया। अब आप रोगों से घिर गए।

कोई भी नशा मत करो, ये बुद्धिनाशक है

सभी बुराइयाँ शराब से आती हैं। ऐसे लोगों के साथ मत बैठो वरना भयंकर छूत लग जाएगी। मनुष्य बनना है तो शराब का नशा त्याग दो नहीं तो धर्म कर्म सब चला जायेगा।
जीवन में आने वाली हर कठिनाई का सामना साहस से करो, शराब की लत से नहीं। अपने आप को संयमित रखो और स्वस्थ जीवन का आनंद लो। शराब की लत से त्याग करने में सही समय पर शक्ति मिलती है। संयम और संजीवनी ही सच्चे मनुष्य की पहचान होती है। अपने आप को उन शक्तियों का सामना करने की प्रेरणा दो जो शराब की लत को परास्त कर सकती हैं।

संतों और महात्माओं के पास जाओ, उनके वचन सुनो

ये मनुष्य शरीर किराये का मकान है। श्वासों की पूँजी गिनकर मिली है, ख़त्म होते ही वो ये मकान खाली करा लेगा और आपका इकठ्ठा किया हुआ सारा सामान यही पड़ा रह जाएगा। ये मनुष्य शरीर बड़ा ही अनमोल है। इसी शरीर में हरि का द्वार है। संतों और महात्माओं के पास जाओ, उनके वचन सुनो। उनसे नाम भेद लेकर भजन करो। और समय रहते अपना काम पूरा कर लो।

खेतिहरों के अधिकारों की रक्षा: एक सामाजिक संघर्ष

"किसानों को उनका हक दिलाने में आगे बढ़ो" के तहत, एक सामाजिक संघर्ष और संघर्ष का जीवन्त उदाहरण है। खेती के क्षेत्र में न्याय की बात करना महत्वपूर्ण है, और यह उन शीर्षिकों में से एक है जिन्हें आधुनिकीकृत तरीके से बदला जाना चाहिए। खेतिहरों के अधिकारों की रक्षा में आगे बढ़ने के लिए, समाज को एकजुट होकर खेतिहरों के अधिकारों की आवाज उठाने की आवश्यकता है।


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